JEE Mains 2024 के सेशन टू के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के नीलकृष्ण ने एआईआर 1 लाकर एग्जाम में टॉप किया है. इसके साथ ही 56 और कैंडिडेट्स को 100 पर्सेंटाइल मिला है.
JEE Mains 2024 सेशन टू के नतीजे जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही टॉपर्स की सूची भी जारी हुई है. इस बार जेईई मेन्स एग्जाम में महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के नीलकृष्ण ने पहली रैंक पायी है. नील के पिता किसानी करते हैं और माता गृहणी हैं. सीमित संसाधनों के बीच अपनी शुरुआती पढ़ाई करने वाले नील ने कोटा में रहकर कोचिंग ली और जीतोड़ मेहनत के बाद ये सफलता हासिल की है.
नीलकृष्णके अलावा 56 और कैंडिडेट्स ने जेईई मेन्स एग्जाम में 100 पर्सेंटाइल पाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र का बेलखेड़ा गांव में नील की शुरुआती पढ़ाई हुई है. मिडिल स्कूल और हाईस्कूल उन्होंने कांजला टांडा से पूरा किया. जेईई मेन्स देने और आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना लिए नील कोटा शिफ्ट हो गए और 11वीं व 12वीं यहीं से की और एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेकर जेईई की तैयारी भी की.
नीलकृष्णके अलावा 56 और कैंडिडेट्स ने जेईई मेन्स एग्जाम में 100 पर्सेंटाइल पाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र का बेलखेड़ा गांव में नील की शुरुआती पढ़ाई हुई है. मिडिल स्कूल और हाईस्कूल उन्होंने कांजला टांडा से पूरा किया. जेईई मेन्स देने और आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना लिए नील कोटा शिफ्ट हो गए और 11वीं व 12वीं यहीं से की और एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेकर जेईई की तैयारी भी की.अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं और कहते हैं कि उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए बहुत कुर्बानी दी हैं. वे आगे बताते हैं कि अगर कभी नंबर कम आते थे या अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पाता था तो उनके माता-पिता हौसला बढ़ाते थे और आगे और अच्छा करने के लिए प्रेरित करते थे. नील मानते हैं कि लगातर किए जाने वाले शतत प्रयास सफलता दिलाते हैं.
नील अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं और कहते हैं कि उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए बहुत कुर्बानी दी हैं. वे आगे बताते हैं कि अगर कभी नंबर कम आते थे या अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पाता था तो उनके माता-पिता हौसला बढ़ाते थे और आगे और अच्छा करने के लिए प्रेरित करते थे. नील मानते हैं कि लगातर किए जाने वाले शतत प्रयास सफलता दिलाते हैं.
नील एक दिन में दस से पंद्रह घंटे पढ़ाई करते थे और और नोट्स बनाने के साथ ही खूब प्रैक्टिस भी करते थे. पढ़ाई के अलावा नील को तीरंदाजी का भी शौक है. वे स्टेट और नेशनल लेवल पर इसमें हाथ आजमा चुके हैं. बता दें कि इस बार के टॉपर्स में से कोटा कोचिंग के तीन स्टूडेंट हैं. टॉप पांच में से तीन यहां के हैं. ऑल इंडिया रैंक के साथ एनटीए ने कट-ऑफ भी जारी किया है.
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